Vrishchik Rashi (वृश्चिक राशि)


वृश्चिक राशि भचक्र की आठवीं राशि है और इसका स्वामी ग्रह है मंगल है। इस राशि का चिन्ह यानी कि सिम्बल वृश्चिक यानी कि बिच्छू है। यह राशि जल तत्त्व की होती है। इस राशि के लोग मझोले कद के गठे हुए शरीर तथा खिलते हुए गौर रंग के होते है।

वृश्चिक लग्न में जन्मे जातक देखने में रौबीले होते हैं, इनके बाल सघन होते है. इनके नेत्र चमकदार होते है। कुल मिलाकर वृश्चिक लग्न के व्यक्ति आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं।

इनका प्राकृतिक स्वभाव प्राय: दम्भी होता है, ये हठी स्वभाव के देखे गए हैं, लेकिन ये दृढ़ प्रतिज्ञ व स्पष्टवादी होते हैं। यहीं कारण है कि लोग इनकी बात पर अक्सर बुरा मान जाया करते हैं।

इन्हें क्रोध जल्दी आता है और क्रोध में ये अत्यधिक बोल जाते है। यदि किसी ने जरा सी भी बात इनके विपरीत कह दी है तो इनसे वह सहन नहीं होती। और ये बिना परिणाम की परवाह किये लोगों से भिड जाते हैं। और बिना अपनी घबराहट प्रकट किए ये परीस्थितियों से जूझते रहते हैं। हालांकि इनके स्वभाव में क्रोध रहता है परन्तु दिल के नरम होते हैं। इनकी इच्छा शक्ति बहुत ही मजबूत होती है।

जल तत्त्व होने के कारण जल की तरह ही होते हैं। जिस तरह जल कभी बहुत शान्त और कभी उसमें उग्रता आने पर सब-कुछ तहस-नहस कर देता है वहीं बातें इनमें भी पायी जाती हैं। इसलिए इन्हें अपने क्रोध पर नियंत्रण बनाये रखना चाहिए क्योंकि ऎसे में अक्सर ये लोग अपना ही नुकसान कर बैठते हैं।

आमतौर पर ये प्रतिशोधी होते हैं यानी कि किसी भी बात का बदला ये अवश्य लेते हैं, जो कभी-कभी खतरनाक साबित हो जाता है। लेकिन शुभ ग्रहों का प्रभाव होने पर ऐसा भी देखा गया कि बुराई का बदला ये अच्छाई से भी लेते हैं यानी कि किसी मुद्दे में यदि किसी नें इनके साथ बुरा किया है तो उसी तरह के मामले में ये उस व्यक्ति के साथ अच्छा करके अपने आपको संतोष देते हुए पाए गए हैं। प्रसिद्ध राजनेता अटल बिहारी बाजपेयी, लालकृष्ण अडवानी, नरेन्द्र मोदी, स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारीम अभिनेता धर्मेन्द्र आदि वृश्चिक लग्न के उदाहरण हैं।

ये लोगों से बहुत जल्दी घुल-मिल जाते हैं और सभी के बीच में अपनी जगह बना लेते हैं। आमतौर पर इनकी याददाश्त बहुत अच्छी होती है और ये कुछ भी नहीं भूलते है।

वृश्चिक लग्न वालों को चटपटा खाना पसंद होता है, लेकिन इन्हें तीखा नहीं खाना चाहिये अन्यथा शरीर में पित प्रकृति बढ़ जाने से परेशानी उठानी प़ड सकती है। साथ ही इन्हें भोजन समय पर करना चाहिए अन्यथा इन्हें अम्लपित्त यानी एसिडिटी होने का भय रहता है। सामान्यत: ये आराम पसंद होते हैं और अधिक मेहनत करने से बचना चाहते हैं।

इन्हें अनुशासनहीनता पसंद नहीं होती है, ये स्वयं भी अनुशासन में रह कर काम करना पसंद करते हैं। इन्हें मैनेजमेंट पसंद होता है। अगर मैनेजमेंट इनके हाथों में हो तो उसे बखूबी निभाते हैं।

ये डिक्टेटर, जासूस, केमिष्ट, रसायन के ज्ञाता, सर्जन, दन्त विशेषज्ञ, पुलिस अधिकारी, इंजीनियर, खनिज विशेषज्ञ, ठग, आलोचक, शिक्षक या ज्योतिषी हो सकते हैं। ये राजनीति में यह बड चड कर हिस्सा लेते हैं और उसमें सफलता भी पा जाते हैं। अपने जीवन में महत्वपूर्ण कार्य करके ये सफलता अर्जित करते हैं। नाम और शौहरत का और दिखावे का इन्हें अत्यधिक लालच होता है। इनकी जान पहचान का क्षेत्र काफी बड़ा होता है।

इनके मित्रों का दायरा बड़ा होता है। ये मित्रों पर जी जान लुटाते है। इन्हें विभिन्न विषयों का ज्ञान रहता है। धर्म के प्रति मन में श्रद्धा रहती है। ये धार्मिक क्रिया कलापों में हिस्सा लेते है। विद्वान के रूप में इनकी छवि बनी रहती है। ये कुल या परिवार में श्रेष्ठ रहते हैं। ये अपने बन्धुओं और मित्रों में सम्मानीय होते हैं। ये अपने प्रेम पात्र के लिए सर्वस्व न्योछावर कर सकते हैं। यदि स्त्रियाँ चाहे तो प्रेम का प्रदर्शन करके इनसे अपना स्वार्थ साधन कर सकती हैं। वॄश्चिक लग्न की महिलाएं वॄश्चिक लग्न के पुरुषों की अपेक्षा अधिक चतुर, चालाक, स्वार्थी और जबरदस्त भौतिकवादी तथा सफल पाई गई हैं।

यह अपने परिश्रम के द्वारा सफलता अर्जित करते हैं यानि कि वृश्चिक लग्न के लोग स्वयं अपने भाग्य के निर्माता होते हैं। ये लोग संग्रह करने में होशियार होते हैं। इनमें धन व ऐश्वर्य की प्राप्ति की तीव्र इच्छा होती है जिसे मेहनत करने पर ये प्राप्त भी कर सकते हैं और वैभवशाली जीवन व्यतीत भी कर सकते है। यदि इनके स्वास्थ्य की बात की जाय तो इनको प्रायः गले, छाती, गर्मी, वायु तथा बवासीर जैसे रोगों की संभावना रहती है। इनका भाग्योदय सामान्यत: 28वें वर्ष में हो जाता है फ़िर भी उम्र के

35, 44, 52, 53, 71, व 80 वर्ष विशेष प्रभावशाली होता हैं।

आशा है अपने जीवन से सम्बंधित इन तथ्यों को जानकर आप उचित आचरण करेंगे तथा सुखी रहते हुए प्रसंशा प्राप्त करेंगे। नमस्कार!!

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