मीन राशि भचक्र की बारहवीं राशि है और इसका स्वामी ग्रह है गुरु यानी कि बृहस्पति है। इस राशि के लोग मध्यम कद के होते हैं। आमतौर पर इनका रंग गोरा होता है। चेहरा गोल होता है तथा बाल घुंघराले होते हैं। इनकी नाक ऊंची, दांत छोटे तथा आँखे तीखी चमकदार होती है। यानी कुल मिला कर इनका व्यक्तित्व आकर्षक होता है। मीन राशि का चिन्ह विपरीत दिशाओं में तैर रही दो मछलियां हैं अत: इस राशि वालों में व्यापक तरह के लक्षण पाये जाते हैं। यदि इस राशि वाले तालाब में पाई जाने वाली मछलियों की तरह विनम्र होते हैं तो समुद्र में पाई जाने वाली शार्क की तरह खतरनाक भी हो सकते हैं। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर इसी लग्न के थे। ये स्वतंत्र रहना पसंद करते हैं, यहां तक कि जब ये समूह में चल रहे हो तब भी।
इनका प्राकृतिक स्वभाव दयालु और दानशीलता युक्त होता है। ये स्वस्थ्य और दर्शनीय होते हैं। इनके चेहरे पर सौम्यता विद्यमान रहती है। इनके विचारों से लोग प्रभावित होते है। इनमें भौतिक सुख साधनों का उपयोग करने की प्रवृति होती है।
आप दिवा स्वप्न देखने वालों में से हैं। आप अपनी खुद की काल्पनिक दुनिया में रहना पसंद करते हैं। आप जीवन को एक गुलाबी आभा लिए कांच की नजर से देखते हैं जिसका वास्तविकता से सबंध हो भी सकता हैं और नहीं भी हो सकता हैं। जब वास्तविकता का सामना करना पड़ता है, तब आप सच्चाई का पूरी तरह सामना करने के बजाय कल्पना की अपनी दुनिया में वापसी करना चाहते हैं।
हालांकि ये आदतें एक लेखक या कलाकार के लिए अच्छी मानी गई हैं। रवीन्द्र नाथ टैगोर, डिम्पल कपाडिया, रितिक रोशन, और स्मिता पाटिल आदि इसके उम्दा उदाहरणों में से हैं। आम तौर पर आप एक विनम्र दिल वाले इंसान हैं और भाग्यहीन लोगो की मदद करने की इच्छा रखते हैं। यह लोग चिंताओं से दूर रहते है। इंसानियत इनमे कूट कूट के भरी होती है। आवश्यकता से अधिक उदार होने पर कभी-कभी इन्हें नुकसान भी उठाना पडता है।
पाप ग्रहों का प्रभाव होने पर इस राशि के कुछ लोगों को आलसी और निष्क्रिय भी देखा गया है। ऐसी स्थिति इन्हें स्वार्थी भी बना सकती है। जब तक इनका हित नहीं सध जाता तब तक ये अपने मित्रों के हितों की भी चिन्ता नहीं करते हैं। ये जितने उत्तम चरित्र के होते हैं, संगति बिगडनें जी स्थिति में ये दुनिया के सबसे कमजोर चरित्र वाले व्यक्ति भी हो सकते हैं जो निंदनीय हैं। ये आसानी से दूसरों के द्वारा प्रभावित हो सकते हैं। अत: इन्हें चाहिए कि अपने सद्गुणों को पहचाने और उन पर अवगुणों को हावी न होनें दें।
आप माता पिता के प्रति श्रद्धावान व सेवा करने में तत्पर रहते हैं। इस राशी वालों को बाल्यावस्था में कुछ संघर्ष करना पड़ता है लेकिन युवावस्था में सुख ऐश्वर्य एवं धन वैभव तथा भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। आपका वैवाहिक जीवन तभी सुखी होता है जब आपका जीवन साथी आपके अस्थिर स्वभाव से समझोता कर ले। मीन के द्विस्वाभ राशि होने के कारण अशुभ प्रभाव की स्थिति में कभी कभी इस राशि वालों के दो विवाह होने की स्थितियां भी बन सकती हैं।
ये धर्म के प्रति आस्थावान व ईश्वर भक्त तथा धर्मावलम्बी होते हैं। ये धार्मिक क्रिया कलापों को विधिपूर्वक करके आत्मिक शांति प्राप्त करते है। कुछ हद तक ये लोग सामाजिक रूढ़ियों को मानने वाले भी होते हैं। लेकिन इनकी खासियत ये हैं कि यदि कोई इनसे दुर्व्यवहार भी करें तो ये तुरंत क्षमा करने में समर्थ होते हैं। ये मित्र वर्ग में प्रिय व आदरणीय होते हैं।
इस राशि के लोग विद्वान और बुद्धिमान होते है ये नवीन कार्यों में रूचि रखते हैं। इस राशि के लोग कोई भी व्यापार-व्यवसाय करे तो सफलता पा जाते है। लेकिन अपने व्यवसाय को बदलते भी रहते है। यदि ये तरल पदार्थ से बनी वस्तुओं का व्यापार करते हैं तो अधिक सफल होते हैं। ये जल से निकली हुई वस्तुओं नमक, हीरे, जवाहरात, आयात निर्यात, समुंद्र पार से सम्बन्धित कार्यों से धन लाभ करते है। इस राशि में शुक्र उच्च का होता है अत: ये यह सफल अभिनेता, संगीतकार, मंत्री, वैद्य चिकित्सक, कला विज्ञान व साहित्य में रह कर जीवन को आगे बढा सकते है। इसके अतिरिक्त नई वस्तुओ का उत्पादन आदि में भी रूचि रखते है। वैसे तो इनका भाग्योदय 32वें वर्ष से शुरू हो जाता है फ़िर भी जीवन के 41, 45, 48, 58, 65, 85 वर्ष इनके लिए विशेष शुभफलदायक होते हैं।
यदि रोगों की बात की जाय तो इस राशि के लोगो को छाती से सम्बन्धित रोग, टी.बी., छुआ छूत, दमा, कफ, सर्दी आदि रोग होनें का भय रहता है। ऐसी स्थिति में किसी विद्वान से परामर्श करके इस राशि के लोग पुखराज धारण करके जीवन शांतिप्रिय व सुखमय बना सकते हैं।
आशा है अपने जीवन से सम्बंधित इन तथ्यों को जानकर आप उचित आचरण करेंगे तथा सुखी रहते हुए प्रसंशा प्राप्त करेंगे। नमस्कार!!