पुराणों के अनुसार केतु हिरण्यकशिपु की पुत्री सिंहिका का कनिष्ट पुत्र है। ज्योतिष के अनुसार यह नौवां ग्रह है।
हालांकि इस ग्रह को पाप संज्ञक ग्रह माना गया है। ज्योतिष में इसे केवल ग्रह न मानकर छाया ग्रह माना गया है।
ज्योतिष के अनुसार मानव जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में केतु मेष राशि में है। यह 12 जुलाई 2014 को मीन राशि में प्रवेश करेगा।
आम तौर पर ग्रह आगे कि राशियों में जाते हैं लेकिन राहु और केतु हमेशा वक्री चलते हैं इसलिए केतु पिछ्ली राशि में जा रहा है।
इसका विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पडेगा, आइए जानते हैं, तो सबसे पहले जानते हैं कि केतु के इस गोचर का मेष राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
तो मेष राशि वालो!! द्वादश भाव में स्थित केतू शुभफलों की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न कर सकता है। अत: इस अवधि में जल्दबाजी में कोई काम न करें अन्यथा
परेशानी हो सकती है। इस अवधि में आपकी रुचि कुछ गलत कामों के प्रति भी रह सकती है। आप कुछ गलत निर्णय भी ले सकते हैं। अत:
गलत निर्णयों से बचें और दूसरों की सही सलाह को भी ध्यान में रखें। अपने स्वास्थ्य का भी खयाल रखें।
हालांकि केतु के इस गोचर के कारण आप गूढ़ विज्ञान संबंधी विषयों से जुड़ सकते हैं।
उपाय के रूप में आपको चाहिए कि भगवान गणेश की पूजा करें और चरित्र उत्तम रखें। और अब बात बृषभ राशि की।
वृषभ राशि वालो!! केतू आपके लाभ भाव में स्थित रहेगा। अत: परिस्थितियां आपके अनुकूल होंगी।
पारिवारिक जीवन संतोष प्रदान करेगा। नौकरीपेशा को पदोन्नति मिलनेके योग हैं। वहीं व्यापारी गण कोई मुनाफ़े का सौदा पा सकते हैं।
मित्र और हितैषियों से सहयोग मिलता रहेगा। लम्बी दूरी की यात्रा की भी संभावना है।
सामाजिक क्षेत्र में आपको प्रचुर प्रतिष्ठा और सम्मान मिलेगा।
उपाय के रूप में आपको चाहिए कि काले रंग का कुत्ता पालें। और अब बात मिथुन राशि की।
मिथुन राशि वालो!! केतू के दशम भाव में स्थित होने से आपके व्यापार में वृद्धि की अच्छी संभावनाएं हैं।
नौकरी के हालात में सुधार होगा। महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ आपके सम्पर्क बढेंगे। कोई नया परिवर्तन भी सम्भव है।
केतु के इस गोचर के प्रभाव के कारण आप कोई नई योजना बना सकते हैं लेकिन कुछ भी नया करने से पहले अच्छाई और बुराई का अच्छी तरह विश्लेषण करना जरूरी होगा।
घरेलू मामलों में ध्यान देने की भी आवश्यकता रहेगी।
उपाय के रूप में आपको चाहिए कि चांदी के बर्तन में शहद भर कर घर में रखें। और अब बात कर्क राशि की!
कर्क राशि वालो!! केतु ग्रह आपके नवम भाव में स्थित है अत: इस अवधि में आप कुछ महत्त्वपूर्ण यात्राएं कर सकते हैं।
आपका झुकाव धर्म एवम् अध्यात्म की ओर सकता है। आपकी प्रतिष्ठा बढेंगी और सम्मान में इजाफा होगा।
आप संस्थान के प्रमुख व्यक्ति के सम्पर्क में आयेंगे। साथ ही आप अति सम्मानीय व्यक्ति समझे जायेंगे।
पारिवारिक जीवन उल्लासमय रहेगा। लेकिन परिवार के बड़े बुजुर्गों का खयाल रखना होगा।
उपाय के रूप में आपको चाहिए कि कानो में सोना पहने व घर में सोना रखें।
और अब बारी है सिंह राशि की तो आइए जानते हैं कि केतु के इस गोचर का सिंह राशि वालों पर क्या असर होगा।
सिंह राशि वालो! केतू आपके अष्टम भाव में होगा अत: इस अवधि में आपको अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना जरूरी होगा
लेकिन अन्य मामलों में अनुकूल फलों की प्राप्ति होती रहेगी। कहीं से अचानक धन की प्राप्ति भी हो सकती है।
कुछ अच्छी यात्राओं के अवसर मिलेंगे। आपका मन धार्मिक कार्यों की ओर लगेगा।
पारिवारिक माहौल सौहार्दपूर्ण रहेगा और आपकी प्रतिष्ठा बढे़गी और सम्मान में इजाफा होगा।
उपाय के रूप में आपको चाहिए कि सफेद कम्बल मन्दिर में दान करें। और अब बात कन्या राशि की!
कन्या राशि वालो! केतू का गोचर आपके सप्तम भाव में रहेगा। अत: आपको मिले जुले फल मिलेंगे।
आप अपने काम धंधे को व्यवस्थित कर पाने में सफल रहेंगे। आपका सामजिक दायरा और अधिक बढेगा। लेकिन
वैवाहिक जीवन में कुछ हद तक असंतोष सम्भव है। प्रणय सम्बंधों के लिए भी समय अधिक अनुकूल नहीं रहेगा।
इस समय कोई भी जोखिम भरा काम न करें और स्वास्थ्य का खयाल रखें। उपाय के रूप में भगवान गणेश की पूजा करना शुभ रहेगा। और अब बात तुला राशि की।
तुला राशि वालो! केतू आपके छठे भाव में स्थित रहेगा अत: आप प्रतिस्पर्धा में सफल होंगे और आप विरोधियों पर विजय पा सकेंगे।
व्यापार धन्धें में आप बहुत अच्छा कर सकते हैं। नौकरी के हालतों में भी सुधार सम्भव है। हर क्षेत्र से आपको सम्मान मिलेगा।
स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। परिजनों का बर्ताव भी अच्छा रहेगा। अचानक यात्रा सौभाग्य वृद्धि करेगी।
अर्थात कुछ सामान्य परेशानियों को छोड़ दिया जाय तो यह गोचर आपके लिए बहुत अनुकूल रहेगा।
फिर भी यदि कष्ट का अनुभव हो तो उपाय के रूप में बाएं हाथ में सोने का छ्ल्ला पहने। और बारी है वृश्चिक राशि की
वृश्चिक राशि वालो!! केतू आपके पंचम भाव में स्थित रहेगा अत: इस अवधि में आपको जोखिम उठाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना होगा।
इस समय आप कई कामों को एक साथ करने का प्रयास कर सकते हैं। बेहतर तो यहीं होगा कि आप प्रत्येक काम को एक एक करके और संयम के साथ करें।
इस समय शत्रु आपकी साख बिगाड़ने का प्रयत्न कर सकते हैं। अत: उनसे सावधान रहें। स्वास्थ्य का खयाल रखें और बेवजह की यात्राओं से बचें।
उपाय के रूप में केसर का तिलक लगाएं। और अब बात धनु राशि की।
धनु राशि वालो! केतु आपके चतुर्थ भाव में स्थित रहेगा अत: घरेलू जीवन अशांत रह सकता है।
वैचारिक स्पष्टता का अभाव भी रह सकता है। परिजनों को लेकर चिंताएं रह सकती हैं।
व्यापार धन्धा में मंदी नौकरी के हालात असंतोषप्रद हो सकते हैं। स्वास्थ्य का खयाल रखना भी जरूरी होगा।
हालांकि इस अवधि में आपका मन धार्मिक क्रिया कलाप की ओर झुका रहेगा और आप पवित्र स्थलों की यात्रा कर पाएंगे।
उपाय के रूप में पीले रंग के नींबू चलते पानी में प्रवाहित करें। और अब बात मकर राशि की!
मकर राशि वालो! केतू आपके तीसरे भाव में स्थित रहेगा अत: इस अवधि में आप आशावादी रहेंगे। यात्राएं लाभकारी रहेंगी।
संचार द्वारा प्राप्त समाचार लाभकारी रहेंगे। मित्र मंडली बढे़गी। यदि पदोन्नति होने वाली है तो वह आपके मन के अनुकूल हो सकती है।
आमदनी में इजाफा होगा। पारिवारिक जीवन सुख्द रहेगा। अध्यात्म के प्रति झुकाव बढे़गा। लेकिन
इस अवधि में आपको अपने हर काम को बुद्धिमत्ता से निबटाने का प्रयास करते रहना होगा।
उपाय के रूप में कानों में सोना पहनें और भाई बन्धुओं से अच्छे सम्बंध रखें। और अब बात कुम्भ राशि की।
कुम्भ राशि वालो! केतू आपकी कुंडली के दूसरे भाव में रहेगा अत: आपका आत्मविश्वास कमजोर रह सकता है।
आर्थिक ममलों के लिए भी समय बहुत अनुकूल नहीं रहेगा। आपको अपनी वाणी पर संयम रखना होगा अन्यथा
आपसी वैमनस्य बढ सकता है। पारिवारिक संबंधों को बिगड़ने न दें। आपका स्वास्थ्य भी प्रभावित रह सकता है।
इस समय बेकार की यात्राओं से बचने का भी प्रयास करें। किसी नए उद्यम की शुरुआत भी उचित नहीं होगी।
उपाय के रूप में आपको चाहिए कि चरित्र उत्तम बनाए रखें और माथे पर केसर का तिलक लगाएं। और अब बात मीन राशि की!
मीन राशि वालो! केतु आपके प्रथम भाव में रहेगा अत: अपनी प्रतिष्ठा के प्रति सचेत रहें।
अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना भी जरूरी होगा। इस अवधि में आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी होगी क्योंकि
मित्र व हितैषी अपना वचन नहीं निभा पाएंगे। लेकिन अति आत्मविश्वास से बचना होगा।
आर्थिक मामलों के लिए समय कम ठीक रहेगा। इस अवधि में आप व्यवहारिक रहने का प्रयत्न करें।
व्यर्थ के कामों में न उलझे। यथासंभव यात्राओं से बचें।
उपाय के रूप में बन्दर को गुड़ खिलाएं।
तो आशा है केतु के इस गोचर के परिणामों को पहले से जानकर सम्बंधित उपायों को करके आप उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होंगें। स्वयं सौभाग्यशाली बनाए रखने के लिए देखते रहे एस्ट्रोसेज नमस्कार!!
हालांकि इस ग्रह को पाप संज्ञक ग्रह माना गया है। ज्योतिष में इसे केवल ग्रह न मानकर छाया ग्रह माना गया है।
ज्योतिष के अनुसार मानव जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में केतु मेष राशि में है। यह 12 जुलाई 2014 को मीन राशि में प्रवेश करेगा।
आम तौर पर ग्रह आगे कि राशियों में जाते हैं लेकिन राहु और केतु हमेशा वक्री चलते हैं इसलिए केतु पिछ्ली राशि में जा रहा है।
इसका विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पडेगा, आइए जानते हैं, तो सबसे पहले जानते हैं कि केतु के इस गोचर का मेष राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
तो मेष राशि वालो!! द्वादश भाव में स्थित केतू शुभफलों की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न कर सकता है। अत: इस अवधि में जल्दबाजी में कोई काम न करें अन्यथा
परेशानी हो सकती है। इस अवधि में आपकी रुचि कुछ गलत कामों के प्रति भी रह सकती है। आप कुछ गलत निर्णय भी ले सकते हैं। अत:
गलत निर्णयों से बचें और दूसरों की सही सलाह को भी ध्यान में रखें। अपने स्वास्थ्य का भी खयाल रखें।
हालांकि केतु के इस गोचर के कारण आप गूढ़ विज्ञान संबंधी विषयों से जुड़ सकते हैं।
उपाय के रूप में आपको चाहिए कि भगवान गणेश की पूजा करें और चरित्र उत्तम रखें। और अब बात बृषभ राशि की।
वृषभ राशि वालो!! केतू आपके लाभ भाव में स्थित रहेगा। अत: परिस्थितियां आपके अनुकूल होंगी।
पारिवारिक जीवन संतोष प्रदान करेगा। नौकरीपेशा को पदोन्नति मिलनेके योग हैं। वहीं व्यापारी गण कोई मुनाफ़े का सौदा पा सकते हैं।
मित्र और हितैषियों से सहयोग मिलता रहेगा। लम्बी दूरी की यात्रा की भी संभावना है।
सामाजिक क्षेत्र में आपको प्रचुर प्रतिष्ठा और सम्मान मिलेगा।
उपाय के रूप में आपको चाहिए कि काले रंग का कुत्ता पालें। और अब बात मिथुन राशि की।
मिथुन राशि वालो!! केतू के दशम भाव में स्थित होने से आपके व्यापार में वृद्धि की अच्छी संभावनाएं हैं।
नौकरी के हालात में सुधार होगा। महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ आपके सम्पर्क बढेंगे। कोई नया परिवर्तन भी सम्भव है।
केतु के इस गोचर के प्रभाव के कारण आप कोई नई योजना बना सकते हैं लेकिन कुछ भी नया करने से पहले अच्छाई और बुराई का अच्छी तरह विश्लेषण करना जरूरी होगा।
घरेलू मामलों में ध्यान देने की भी आवश्यकता रहेगी।
उपाय के रूप में आपको चाहिए कि चांदी के बर्तन में शहद भर कर घर में रखें। और अब बात कर्क राशि की!
कर्क राशि वालो!! केतु ग्रह आपके नवम भाव में स्थित है अत: इस अवधि में आप कुछ महत्त्वपूर्ण यात्राएं कर सकते हैं।
आपका झुकाव धर्म एवम् अध्यात्म की ओर सकता है। आपकी प्रतिष्ठा बढेंगी और सम्मान में इजाफा होगा।
आप संस्थान के प्रमुख व्यक्ति के सम्पर्क में आयेंगे। साथ ही आप अति सम्मानीय व्यक्ति समझे जायेंगे।
पारिवारिक जीवन उल्लासमय रहेगा। लेकिन परिवार के बड़े बुजुर्गों का खयाल रखना होगा।
उपाय के रूप में आपको चाहिए कि कानो में सोना पहने व घर में सोना रखें।
और अब बारी है सिंह राशि की तो आइए जानते हैं कि केतु के इस गोचर का सिंह राशि वालों पर क्या असर होगा।
सिंह राशि वालो! केतू आपके अष्टम भाव में होगा अत: इस अवधि में आपको अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना जरूरी होगा
लेकिन अन्य मामलों में अनुकूल फलों की प्राप्ति होती रहेगी। कहीं से अचानक धन की प्राप्ति भी हो सकती है।
कुछ अच्छी यात्राओं के अवसर मिलेंगे। आपका मन धार्मिक कार्यों की ओर लगेगा।
पारिवारिक माहौल सौहार्दपूर्ण रहेगा और आपकी प्रतिष्ठा बढे़गी और सम्मान में इजाफा होगा।
उपाय के रूप में आपको चाहिए कि सफेद कम्बल मन्दिर में दान करें। और अब बात कन्या राशि की!
कन्या राशि वालो! केतू का गोचर आपके सप्तम भाव में रहेगा। अत: आपको मिले जुले फल मिलेंगे।
आप अपने काम धंधे को व्यवस्थित कर पाने में सफल रहेंगे। आपका सामजिक दायरा और अधिक बढेगा। लेकिन
वैवाहिक जीवन में कुछ हद तक असंतोष सम्भव है। प्रणय सम्बंधों के लिए भी समय अधिक अनुकूल नहीं रहेगा।
इस समय कोई भी जोखिम भरा काम न करें और स्वास्थ्य का खयाल रखें। उपाय के रूप में भगवान गणेश की पूजा करना शुभ रहेगा। और अब बात तुला राशि की।
तुला राशि वालो! केतू आपके छठे भाव में स्थित रहेगा अत: आप प्रतिस्पर्धा में सफल होंगे और आप विरोधियों पर विजय पा सकेंगे।
व्यापार धन्धें में आप बहुत अच्छा कर सकते हैं। नौकरी के हालतों में भी सुधार सम्भव है। हर क्षेत्र से आपको सम्मान मिलेगा।
स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। परिजनों का बर्ताव भी अच्छा रहेगा। अचानक यात्रा सौभाग्य वृद्धि करेगी।
अर्थात कुछ सामान्य परेशानियों को छोड़ दिया जाय तो यह गोचर आपके लिए बहुत अनुकूल रहेगा।
फिर भी यदि कष्ट का अनुभव हो तो उपाय के रूप में बाएं हाथ में सोने का छ्ल्ला पहने। और बारी है वृश्चिक राशि की
वृश्चिक राशि वालो!! केतू आपके पंचम भाव में स्थित रहेगा अत: इस अवधि में आपको जोखिम उठाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना होगा।
इस समय आप कई कामों को एक साथ करने का प्रयास कर सकते हैं। बेहतर तो यहीं होगा कि आप प्रत्येक काम को एक एक करके और संयम के साथ करें।
इस समय शत्रु आपकी साख बिगाड़ने का प्रयत्न कर सकते हैं। अत: उनसे सावधान रहें। स्वास्थ्य का खयाल रखें और बेवजह की यात्राओं से बचें।
उपाय के रूप में केसर का तिलक लगाएं। और अब बात धनु राशि की।
धनु राशि वालो! केतु आपके चतुर्थ भाव में स्थित रहेगा अत: घरेलू जीवन अशांत रह सकता है।
वैचारिक स्पष्टता का अभाव भी रह सकता है। परिजनों को लेकर चिंताएं रह सकती हैं।
व्यापार धन्धा में मंदी नौकरी के हालात असंतोषप्रद हो सकते हैं। स्वास्थ्य का खयाल रखना भी जरूरी होगा।
हालांकि इस अवधि में आपका मन धार्मिक क्रिया कलाप की ओर झुका रहेगा और आप पवित्र स्थलों की यात्रा कर पाएंगे।
उपाय के रूप में पीले रंग के नींबू चलते पानी में प्रवाहित करें। और अब बात मकर राशि की!
मकर राशि वालो! केतू आपके तीसरे भाव में स्थित रहेगा अत: इस अवधि में आप आशावादी रहेंगे। यात्राएं लाभकारी रहेंगी।
संचार द्वारा प्राप्त समाचार लाभकारी रहेंगे। मित्र मंडली बढे़गी। यदि पदोन्नति होने वाली है तो वह आपके मन के अनुकूल हो सकती है।
आमदनी में इजाफा होगा। पारिवारिक जीवन सुख्द रहेगा। अध्यात्म के प्रति झुकाव बढे़गा। लेकिन
इस अवधि में आपको अपने हर काम को बुद्धिमत्ता से निबटाने का प्रयास करते रहना होगा।
उपाय के रूप में कानों में सोना पहनें और भाई बन्धुओं से अच्छे सम्बंध रखें। और अब बात कुम्भ राशि की।
कुम्भ राशि वालो! केतू आपकी कुंडली के दूसरे भाव में रहेगा अत: आपका आत्मविश्वास कमजोर रह सकता है।
आर्थिक ममलों के लिए भी समय बहुत अनुकूल नहीं रहेगा। आपको अपनी वाणी पर संयम रखना होगा अन्यथा
आपसी वैमनस्य बढ सकता है। पारिवारिक संबंधों को बिगड़ने न दें। आपका स्वास्थ्य भी प्रभावित रह सकता है।
इस समय बेकार की यात्राओं से बचने का भी प्रयास करें। किसी नए उद्यम की शुरुआत भी उचित नहीं होगी।
उपाय के रूप में आपको चाहिए कि चरित्र उत्तम बनाए रखें और माथे पर केसर का तिलक लगाएं। और अब बात मीन राशि की!
मीन राशि वालो! केतु आपके प्रथम भाव में रहेगा अत: अपनी प्रतिष्ठा के प्रति सचेत रहें।
अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना भी जरूरी होगा। इस अवधि में आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी होगी क्योंकि
मित्र व हितैषी अपना वचन नहीं निभा पाएंगे। लेकिन अति आत्मविश्वास से बचना होगा।
आर्थिक मामलों के लिए समय कम ठीक रहेगा। इस अवधि में आप व्यवहारिक रहने का प्रयत्न करें।
व्यर्थ के कामों में न उलझे। यथासंभव यात्राओं से बचें।
उपाय के रूप में बन्दर को गुड़ खिलाएं।
तो आशा है केतु के इस गोचर के परिणामों को पहले से जानकर सम्बंधित उपायों को करके आप उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होंगें। स्वयं सौभाग्यशाली बनाए रखने के लिए देखते रहे एस्ट्रोसेज नमस्कार!!