आइए, ज्योतिषी पुनीत पाण्डे के साथ सीखें ज्योतिष सिर्फ़ २ मिनट में। अब आप ज्योतिष और भी आसानी से सीख सकते हैं, क्योंकि हम आपको ज्योतिष सीखने की एक शृंखला दे रहे हैं I यह एक शुरुआत है, अतः हम पहले ग्रहों के बारे में जानेंगे I
ज्योतिष के 2 मिनट कोर्स में आपका स्वागत है। इस कोर्स में हम गणित नहीं, बल्कि फलित पर ध्यान देंगे यानी हम इस बार पर ग़ौर करेंगे कि कुण्डली कैसे देखी जाए। कुण्डली बनाने के लिए आप हमारे मुफ़्त एस्ट्रोसेज सॉफ़्टवेयर का इस्तमाल कर सकते हैं।
पूरी ज्योतिष नौ ग्रहों, बारह राशियों, सत्ताईस नक्षत्रों और बारह भावों पर टिकी हुई है। सारे भविष्यफल का मूल आधार इनका आपस में संयोग है। सबसे पहले समझते हैं ग्रहों को।
ग्रह नौ हैं। यहाँ पर मैं हिन्दी के अलावा अंग्रेज़ी में ग्रहों के नाम बता रहा हूँ। आने वाले समय में ये बहुत काम आऐंगे। इसलिए कोशिश करें की अंग्रेज़ी के नाम भी याद रखें।
पहला ग्रह सूर्य यानि की रवि, जिसे अंग्रेज़ी में सन (Sun) भी कहते हैं
दूसरा चंद्र, अंग्रेज़ी में मून (Moon)
तीसरा मंगल, जिसे संस्कृत में भौम, अंग्रेज़ी में मार्स (Mars) और दक्षिण भारत में कुज भी कहते हैं
चौथा बुध, अंग्रेज़ी में मरकरी (Mercury)
पांचवा गुरु या बृहस्पति, अंग्रेज़ी में ज्यूपिटर (Jupiter)
छठा शुक्र, अंग्रेज़ी में वीनस (Venus)
सातवाँ शनि, अंग्रेज़ी में सेटर्न (Saturn)
आठवाँ राहु, अंग्रेज़ी में नार्थ नोड (North Node)
नवाँ, केतु अंग्रेज़ी में साउथ नोड (South Node)
यह जान लें कि ज्योतिष में ग्रह शब्द की परिभाषा आधुनिक परिभाषा से भिन्न है और ग्रहों के प्रभाव पर आधारित है। ज्योतिष की अंग्रेज़ी की पुस्तकों में ग्रह शब्द का “प्लेनेट” अनुवाद कर दिया जाता है, क्योंकि अंग्रेज़ी में और कोई ग्रह शब्द का सही मतलब बताने वाला शब्द नहीं है। लेकिन ध्यान रखें कि खगोल विज्ञान के प्लेनेट या ग्रह शब्द और ज्योतिष के ग्रह शब्द का मतलब अलग है। आधुनिक खगोल विज्ञान की परिभाषा के अनुसार सूर्य तारा है, ग्रह नहीं। चन्द्र उपग्रह है और राहु-केतु गणितीय बिन्दु हैं। ज्योतिष के अनुसार सूर्य, चंद्र, राहु, केतु चूँकि हमपर प्रभाव डालते हैं इसलिए ग्रह हैं।
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