आएँ, ज्योतिषी पुनीत पाण्डे के साथ सीखें ज्योतिष सिर्फ़ २ मिनट में। अब आप ज्योतिष और भी आसानी से सीख सकते हैं, क्योंकि हम आपको ज्योतिष सीखने की एक शृंखला दे रहे हैं I इस भाग का विषय है शुभ और अशुभ ग्रह I
आप इस पाठ की वीडियो नीचे देख सकते हैं-
इस वीडियो का विषय है शुभ और अशुभ ग्रह। जिन नौ ग्रहों की हमने बात करी इनमें से कुछ ग्रहों को शुभ और कुछ ग्रहों को पापी कहा गया है।
चन्द्रमा, बुध, शुक्र, गुरू शुभ ग्रह हैं
आप इस पाठ की वीडियो नीचे देख सकते हैं-
इस वीडियो का विषय है शुभ और अशुभ ग्रह। जिन नौ ग्रहों की हमने बात करी इनमें से कुछ ग्रहों को शुभ और कुछ ग्रहों को पापी कहा गया है।
चन्द्रमा, बुध, शुक्र, गुरू शुभ ग्रह हैं
सूर्य, मंगल, शनि, राहु, केतु
चन्द्र एवं बुध को सदैव ही शुभ नहीं माना जाता। पूर्ण चन्द्र यानि कि पूर्णिमा के पास का चन्द्र शुभ माना जाता है जबकि अमावस्या के पास का चन्द्र शुभ नहीं माना जाता। इसी प्रकार बुध अगर शुभ ग्रह के साथ हो तो शुभ होता है और यदि पापी ग्रह के साथ हो तो पापी हो जाता है।
शुभ और पाप ग्रहों का फलादेश में बहुत महत्व है। यह ध्यान रखने वाली बात है कि सभी पापी ग्रह सदैव ही बुरा फल नहीं देते। न ही सभी शुभ ग्रह सदैव ही शुभ फल देते हैं। अच्छा या बुरा फल कई अन्य बातों जैसे ग्रह का स्वामित्व, ग्रह की राशि स्थिति, दृष्टियों, और दशा इत्यादि पर भी निर्भर करता है जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे।
आज के लिए इतना ही। जाने से पहले सबस्क्राइब करना न भूलें। सबस्क्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
चन्द्र एवं बुध को सदैव ही शुभ नहीं माना जाता। पूर्ण चन्द्र यानि कि पूर्णिमा के पास का चन्द्र शुभ माना जाता है जबकि अमावस्या के पास का चन्द्र शुभ नहीं माना जाता। इसी प्रकार बुध अगर शुभ ग्रह के साथ हो तो शुभ होता है और यदि पापी ग्रह के साथ हो तो पापी हो जाता है।
शुभ और पाप ग्रहों का फलादेश में बहुत महत्व है। यह ध्यान रखने वाली बात है कि सभी पापी ग्रह सदैव ही बुरा फल नहीं देते। न ही सभी शुभ ग्रह सदैव ही शुभ फल देते हैं। अच्छा या बुरा फल कई अन्य बातों जैसे ग्रह का स्वामित्व, ग्रह की राशि स्थिति, दृष्टियों, और दशा इत्यादि पर भी निर्भर करता है जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे।
आज के लिए इतना ही। जाने से पहले सबस्क्राइब करना न भूलें। सबस्क्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें